Zindagi Kuch Toh Bata - Reprisew-In
Jubin Nautiyal, Pritam, & Neelesh Mishra
4:19मैं अगर सितारों से चुराके लाऊँ रौशनी हवाओं से चुराके लाऊँ रागिनी ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर तेरी कमी मैं अगर नज़ारों से चुराके लाऊँ रंगतें मज़ारों से चुराके लाऊँ बरक़तें ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर तेरी कमी ये दुनियां परायी है बस एक अपना है तू जो सच हो मेरा वो सवेरे का सपना है तू देखूंगा तेरा रास्ता हो कुछ तुझे बस ख़ुदा ना खास्ता हो हो हो तेरे बिना उम्र के सफ़र में बड़ा ही तन्हा हूँ मैं रफ्फ्तार जो वक़्त की पकड़ ना सके वो लम्हा हूँ मैं फागुन के महीने तेरे बिना है फिंके जो तू नहीं तो सारे सावन मेरे सूखे मैं अगर किताबों से चुराके लाऊँ कायदे हिसाबो से चुराके लाऊँ फायदे ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर तेरी कमी मैं अगर सितारों से चुराके लाऊँ रौशनी हवाओं से चुराके लाऊँ रागिनी ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर तेरी कमी ये दुनियां परायी है बस एक अपना है तू जो सच हो मेरा वो सवेरे का सपना है तू देखूंगा तेरा रास्ता हो कुछ तुझे बस ख़ुदा ना खास्ता खास्ता खास्ता खास्ता हम्म हम्म (ये ये ये ये ओ ओ ओ ओ ओ)