Jyoti Jaga Lo Andhera Mita Do
Jaspinder Narula
मंगल भवन, अमंगल हारी द्रबहु सु दशरथ, अजर बिहारी सीता राम चरित अति पावन (सीता राम चरित अति पावन ) मधुर सरस अरु अति मनभावन (मधुर सरस अरु अति मनभावन) पुनि पुनि कितनेहू सुने सुनाये (पुनि पुनि कितनेहू सुने सुनाये) हिय की प्यास भुजत न भुजाये (हिय की प्यास भुजत न भुजाये)