Bagh Ughaduni Dar
Roopkumar Rathod
4:42झिनी झिनी सी ये सुबाह दिखी है तेरी आँखों में झिनी झिनी सी ये सुबाह दिखी है तेरी आँखों में नींद से कितने कितने सोया ये आंखें गुलाबी आसमान सजते मेरी आँखों में झिनी झिनी सी ये सुबाह दिखी है तेरी आँखों में झिनी झिनी सी ये सुबाह दिखी है तेरी आँखों में जुगनू से जलते हैं तेरे दिए हैं रंग ये कितने सारे पनियों पे लहरते हैं भीगती सब के तारे सुरमाई से लगे रूप निहारे हुए झिनी झिनी सी ये सुबाही दिखी है तेरी आँखों में झिनी झिनी सी ये सुबाही दिखी है तेरी आँखों में झिनी झिन झिन झिन झिन झिन झिनी झिन झिन झिन झिन झिन चुपके चुपके रात से चुपके घर ये आने लगा है आस से भीगे चौरबारों को छू के जाने लगा उगता सूरज मुझे गुनगुनाने लगा झिनी झिनी सी ये सुबाह दिखी है तेरी आँखों में झिनी झिनी सी ये सुबाह दिखी है तेरी आँखों में