Dil Ka Rishta (Sad)
Babul Supriyo
5:00जब से दिल तुम से मिला है, तब से है तेरा दीवाना जब से दिल तुम से मिला है, तब से है तेरा दीवाना पहले तो मैं बेख़बर थी, चाहत को अब मैंने जाना जब से दिल तुम से मिला है, तब से है तेरा दीवाना जान-ए-मन, तेरी मोहब्बत में ना जाने कैसा नशा है ना है ख़बर दिन की, ना रात का भी पता है जान-ए-मन, तेरी मोहब्बत में ना जाने कैसा नशा है ना है ख़बर दिन की, ना रात का भी पता है दीवानगी है, क्या बेख़ुदी है? जब से दिल तुम से मिला है, तब से है तेरा दीवाना पहले तो मैं बेख़बर थी, चाहत को अब मैंने जाना अब तन्हा तेरे बिना एक पल भी ना जीना गँवारा मुझको तेरे प्यार की बेक़रारी ने मारा अब तन्हा तेरे बिना एक पल भी ना जीना गँवारा मुझको तेरे प्यार की बेक़रारी ने मारा मुझको चुरा ले, अपना बना ले जब से दिल तुम से मिला है, तब से है तेरा दीवाना पहले तो मैं बेख़बर थी, चाहत को अब मैंने जाना