Kyun Main Jaagoon

Kyun Main Jaagoon

Shafqat Amanat Ali

Альбом: Patiala House
Длительность: 5:43
Год: 2011
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Текст песни

मुझे यूही करने के लिए ख्वाबो से जुदा
जाने कहा छुपके बैठा है खुदा
जानू ना मैं कब हुआ खुद से गुमशुदा
कैसे जीयू रूह भी मुझसे है जुडा
क्यू मेरी रहे, मुझसे पुचे घर कहा है
क्यों मुझसे आके, दस्तक पुचे डर कहा है
रहे ऐसी जिन्की मंजिल ही नहीं
ढूंढो मुझे अब मैं रहता हूं वाही
दिल है कहीं और धड़कन है कहीं
सांस है मगर क्यों जिंदा मैं नहीं

रेट बनी हाथो से यू बेह गई
तकदीर मेरी बिखरी हर जगाह
कैसे लिखे फिर से नई दास्तान
गम की स्याही दिखी है कहां
आहे जो चुनी है मेरी थी राजा
रहता हूं क्यों फिर खुद से ही खफा
ऐसे भी हुई थी मुझसे क्या खाता
ट्यून जो मुझे दी जीने की सजा

बंदे तेरे माथे पे है जो खिचे
बस चंद लकीरो जितना है जहान
आंसू मेरे मुझे मिटा कह रहे हैं
रब्ब का हुकुम न मित्ता है याहू
रहे ऐसी जिन्की मंजिल ही नहीं
धुंधो मुझे अब मैं रहता हूं वही
दिल है कहीं और धड़कन है कहीं
सांस है मगर क्यों जिंदा मैं नहीं
क्यू मैं जागु और वो सपने बो रहा है
क्यू मेरा रब यू आंखे खोले सो रहा है
क्यू मैं जागु