Navrai Maajhi
Amit Trivedi, Sunidhi Chauhan, Swanand Kirkire, Neelambari Kirkire, And Natalie Di Luccio
4:23झटक कर ज़ुल्फ जब तुम तौलिए से बारिशे आज़ाद करती हो, अच्छा लगता है हिला कर होंठ जब भी हौले हौले गुफ्तगू को साज़ करती हो, अच्छा लगता है ओ खुश्बू से बहलाओ ना, सीधे पॉइंट पे आओना आँख में आँखे डाल के कहे दो, ख्वाबों में टहलाओ ना ज़रा शॉर्ट में बतलाओ ना, सीधे पॉइंट पे आओना, सीधे पॉइंट पे आओना अलग एहसास होता है, तुम्हारे पास होने का सरकती सरसराहट की, नदी में रेशमी लम्हे भिगोने का ओ हो हो ज़रा सा मोड़ कर गर्दन जब अपनी ही अदा पे नाज़ करती हो, अच्छा लगता है हो लफ़्ज़ों से बहलाओ ना, झूठी मुठी बहकाओं ना हाथ को हाथों मे लेके वो तीन शोक टपकाओ ना ज़रा शॉर्ट में बतलाओ ना, सीधे पॉइंट पे आओना, सीधे पॉइंट पे आओना वो तेरे ध्यान की खुश्बू मैं सर तक ओढ़ लेता हूँ भटकती साँस को तेरी गली में गुनगुनाने छोड़ देता हूँ तुम अपनी खिड़कियों को खोल कर जब भी नये आगाज़ करती हो, अच्छा लगता है गली गली गली गली गली गली भटकाओ ना, घड़ी घड़ी उलझाओ ना सेंटी हो में जान गई हूँ, एक्शन भी दिखलाओ ना ज़रा शॉर्ट में बतलाओ ना, सीधे पॉइंट पे आओना, ओ सीधे पॉइंट पे आओना ओ सीधे ओ सीधे ओ सीधे पॉइंट पे आओना