Sab Kuch Bhula Diya

Sab Kuch Bhula Diya

Sonu Nigam

Длительность: 7:56
Год: 2002
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Текст песни

हमने तुमसे तुमने हमारा रिश्ता जोड़ा ग़म से
एक वफ़ा के सिवा कौन सी खता हुई थी हमसे

कभी बंधन जुड़ा लिया
कभी दामन छुड़ा लिया

कभी बंधन जुड़ा लिया
कभी दामन छुड़ा लिया
कभी बंधन जुड़ा लिया
कभी दामन छुड़ा लिया
ओ साथी रे कैसा सिला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
कैसा सिला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
तेरे वादे वो इरादे तेरे वादे वो इरादे
ओ मितवा रे सब कुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
सब कुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया

हम्म हम्म  हम्म  हम्म  हम्म
मेरी यादों में तुम हो मेरी साँसों में तुम हो आ
मगर तुम जाने कैसी ग़लतफ़हमी में गुम हो
तुम्हारे घर को मंदिर देवता तुमको बना लिया
तुम्हारे घर को मंदिर देवता तुमको बना लिया
देवता तुमको बना लिया
तेरे वादे वो इरादे तेरे वादे वो इरादे
ओ मितवा रे सब कुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
सब कुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया

आ आ आ आ आ आ

उम्र भर सो ना सकेंगे किसी के हो ना सकेंगे
आ आ आ आ आ आ
अजनबी तुम हो जाओ ग़ैर हम हो ना सकेंगे
किसी बेगाने की खातिर तुमने अपनों को भुला दिया
किसी बेगाने की खातिर तुमने अपनों को भुला दिया
तुमने अपनों को भुला दिया  हा अपनों को भुला दिया
तेरे वादे वो इरादे तेरे वादे वो इरादे ओ साथी रे
सब कुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
सब कुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया

हं हं हं हं हं हं

अब मुझे जीना नहीं सनम ये ज़हर पीना नहीं सनम
आ आ आ आ आ आ
अब मुझे जीना नहीं सनम ये ज़हर पीना नहीं सनम
जन्म जन्मों का नाता चंद लम्हों में मिटा दिया
जन्म जन्मों का नाता चंद लम्हों में मिटा दिया
चंद लम्हों में मिटा दिया
तेरे वादे वो इरादे तेरे वादे वो इरादे
ओ मितवा रे
सब कुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
सब कुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
कभी बंधन जुड़ा लिया
कभी दामन छुड़ा लिया
कभी बंधन जुड़ा लिया
कभी दामन छुड़ा लिया
ओ साथी रे कैसा सिला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
कैसा सिला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया

कैसा सिला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
ओ मितवा रे (कैसा सिला दिया ये वफ़ा का कैसा सिला दिया )
ओ मितवा रे (कैसा सिला दिया ये वफ़ा का कैसा सिला दिया )
ओ मितवा रे (कैसा सिला दिया ये वफ़ा का कैसा सिला दिया )
ओ मितवा रे