Ek Saathi Aur Bhi Tha

Ek Saathi Aur Bhi Tha

Sonu Niigaam

Альбом: L.O.C. - Kargil
Длительность: 8:32
Год: 2003
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Текст песни

खामोश है जो
ये वो सदा है
वो जो नहीं है
वो कह रहा है
साथियों तुमको मिले
जीत ही जीत सदा
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था
जाओ जो लौट के तुम
घर हो खुशी से भरा
जाओ जो लौट के तुम
घर हो खुशी से भरा
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था

कल परबातों पे कहीं
बरसी थी जब गोलियाँ
हम लोग थे साथ में
और हौसले थे जवान
अब तक चट्टानों पे
हैं अपने लहू के निशान
साथी मुबारक तुम्हें
ये जश्न हो जीत का
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था

कल तुमसे बिच्छड़ी हुई
ममता जो फिर से मिले
कल फूल चेहरा कोई
जब तुमसे मिलके खिले
कल तुमसे बिच्छड़ी हुई
ममता जो फिर से मिले
कल फूल चेहरा कोई
जब तुमसे मिलके खिले
पाओ तुम इतनी खुशी
मिट जायें सारे गीले
है प्यार जिनसे तुम्हें
साथ रहे वो सदा
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था

जब अमन की बाँसुरी
गूँजे गगन के तले
जब दोस्ती का दिया
इन सरहदों पे जले
जब भूल के दुश्मनी
लग जाए कोई गले
जब सारे इंसानो
का हो एक ही काफिला
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था
जाओ जो लौट के तुम
घर हो खुशी से भरा
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था.