Endrendrum Punnagai
Srinivas, Clinton Cerejo, Praveen, Shankar
4:02कैसी है ये रुत कि जिसमें फूल बनके दिल खिले घुल रहे हैं रंग सारे घुल रही हैं खुशबुएँ कैसी है ये रुत कि जिसमें फूल बनके दिल खिले घुल रहे हैं रंग सारे घुल रही हैं खुशबुएँ चाँदनी झरने घटायें गीत बारिश तितलियाँ हम पे हो गये हैं सब मेहरबां कैसी है ये रुत कि जिसमें फूल बनके दिल खिले देखो नदी के किनारे पंछी पुकारे किसी पंछी को देखो ये जो नदी है मिलने चली है सागर ही को ये प्यार का ही सारा है कारवाँ कैसी है ये रुत कि जिसमें फूल बनके दिल खिले ओ कैसे किसी को बतायें कैसे ये समझायें क्या प्यार है इसमें बंधन नहीं है और ना कोई भी दीवार है सुनो प्यार की निराली है दास्ताँ (आ आ आ) कैसी है ये रुत कि जिसमें फूल बनके दिल खिले घुल रहे हैं रंग सारे घुल रही हैं खुशबुएँ चाँदनी झरने घटायें गीत बारिश तितलियाँ हम पे हो गये हैं सब मेहरबां कैसी है ये रुत कि जिसमें फूल बनके दिल खिले