Kamli
Sunidhi Chauhan
3:55? मिल गयी आज आसमान से, आ गयी आगे मैं जहाँ से, ये क्या हुआ मिल गयी आज आसमान से, आ गयी आगे मैं जहाँ से, ये क्या हुआ उडी नींदें आखों से, जुडी रातें ख्वाबों से, मुड़ी ये जाने मैं कहाँ उडी नींदें आखों से, जुडी रातें ख्वाबों से, मुड़ी ये जाने मैं कहाँ मिल गयी आज आसमान से, आ गयी आगे मैं जहाँ से, ये क्या हुआ ? पाऊँ ज़मीन है या बादल पे, उलझे सितारें आके आँचल से (ऐ ऐ) पाऊँ ज़मीन है या बादल पे, उलझे सितारें आके आँचल से जी ली उमर सारी इस पल में, कुछ भी नहीं अब मेरे कल में उडी नींदें आखों से, जुडी रातें ख्वाबों से, मुड़ी ये जाने मैं कहाँ उडी नींदें आखों से, जुडी रातें ख्वाबों से, मुड़ी ये जाने मैं कहाँ मिल गयी आज आसमान से, आ गयी आगे मैं जहाँ से, ये क्या हुआ उडी नींदें आखों से, जुडी रातें ख्वाबों से, मुड़ी ये जाने मैं कहाँ उडी नींदें आखों से, जुडी रातें ख्वाबों से, मुड़ी ये जाने मैं कहाँ उडी नींदें आखों से, जुडी रातें ख्वाबों से, मुड़ी ये जाने मैं कहाँ ?