Tu Kisi Rail Si

Tu Kisi Rail Si

Swanand Kirkire

Альбом: Masaan
Длительность: 3:51
Год: 2015
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Текст песни

तू किसी रेल सी गुज़रती है
तू किसी रेल सी गुज़रती है
मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ
तू भले रत्ती भर ना सुनती हो
मैं तेरा नाम बुदबुदाता हूँ
किसी लम्बे सफर की रातों में
तुझे अलाव सा जलाता हूँ
तू किसी रेल सी गुज़रती है
मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

काठ के ताले हैं आँख पे डाले हैं
उनमें इशारों की चाबियाँ लगा
काठ के ताले हैं आँख पे डाले हैं
उनमें इशारों की चाबियाँ लगा
रात जो बाकी है शाम से ताकी है
नीयत में थोड़ी ई  ई ई ई
नीयत में थोड़ी खराबियाँ लगा खराबियाँ लगा
मैं हूँ पानी के बुलबुले जैसा
तुझे सोचूँ तो फूट जाता हूँ
तू किसी रेल सी गुज़रती है
मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ
तू किसी रेल सी गुज़रती है
मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ
थरथराता हूँ (नौ दे नौ)
थरथराता हूँ (र नन ना द द दा)
थरथराता हूँ (नौ दे नौ दे नौ दे नौ ओ)