Chup Gaye Sare Nazare
Tejinder Singh Bedi & Saaveri
2:50अरे हाय हाय यह मजबूरी यह मौसम और यह दूरी अरे हाय हाय यह मजबूरी यह मौसम और यह दूरी मुझे पल पल है तड़पाये तेरी दो तकया दी नौकरी में मेरा लाखों का सावन जाये हाय हाय यह मजबूरी मुझे पल पल है तड़पाये तेरी दो तकया दी नौकरी में मेरा लाखों का सावन जाये हाय हाय यह मजबूरी यह मौसम और यह दूरी कितने सावन बीत गए कितने सावन बीत गए बैठी हूँ आस लगाए जिस सावन में मिले सजनवा वह सावन कब आये, कब आये मधुर मिलान का यह सावन हाथों से निकला जाए तेरी दो तकया दी नौकरी में मेरा लाखों का सावन जाये हाय हाय यह मजबूरी यह मौसम और यह दूरी मुझे पल पल है तड़पाये तेरी दो तकया दी नौकरी में मेरा लाखों का सावन जाये हाय हाय यह मजबूरी यह मौसम और यह दूरी प्रेम का ऐसा बंधन है प्रेम का ऐसा बंधन है अरे नौकरी का है क्या भरोसा आज मिले कल छूटे, कल छूटे अम्बर पे है रचा स्वयंवर फिर भी तू घबराये तेरी दो तकया दी नौकरी में मेरा लाखों का सावन जाये हाय हाय यह मजबूरी यह मौसम और यह दूरी दांग डिंग, दांग डिंग, डिंग दांग दांग मुझे पल पल है तड़पाये तेरी दो तकया दी नौकरी में मेरा लाखों का सावन जाये हाय हाय यह मजबूरी यह मौसम और यह दूरी