Aankhein Khuli
Lata Mangeshkar
7:03आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ चलते चलते यूंही रुक जाता हूँ में बैठे बैठे कहीं खो जाता हूँ में केहते केहते ही चुप हो जाता हूँ में क्या यही प्यार है क्या यही प्यार है हां यही प्यार है हां यही प्यार है चालते चलते यूंही रुक जाता हूँ में बैठे बैठे कहीं खो जाता हूँ में केहते केहते ही चुप हो जाता हूँ में क्या यही प्यार है क्या यही प्यार है हां यही प्यार है हां यही प्यार है आ आ आ आ आ आ आ आ रु तुरु तुरुरु रु रु रु तुरु रु रु रु तुरु तुरुरु रु रु रु तुरु रु रु तुमपे मरते हैं क्यों हम नहीं जानते तुमपे मरते हैं क्यों हम नहीं जानते ऐसा करते हैं क्यों हम नहीं जानते बंद गलियों से छुप छुप के हम गुजरने लगे सारी दुनिया से रेह रेह कर हम तो डरने लगे हाय क्या करने लगे क्या यही प्यार है क्या यही प्यार है हां यही प्यार है हां यही प्यार है चालते चलते यूंही रुक जाता हूँ में बैठे बैठे कहीं खो जाता हूँ में केहते केहते ही चुप हो जाता हूँ में क्या यही प्यार है क्या यही प्यार है हां यही प्यार है हां यही प्यार है रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ तेरी बातों में ये एक शरात सी है तेरी बातों में ये एक शरात सी है मेरे होंठों पे ये एक शिकायत सी है तेरी आंखों को आंखों से चूमने हम लगे तुझको बाहों में ले लेकर झूमने हम लगे हाय ये क्या करने लगे क्या यही प्यार है क्या यही प्यार है हां यही प्यार है हां यही प्यार है चालते चलते यूंही रुक जाता हूँ में बैठे बैठे कहीं खो जाता हूँ में केहते केहते ही चुप हो जाता हूँ में क्या यही प्यार है क्या यही प्यार है हां यही प्यार है हां यही प्यार है आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ