Sona Kitna Sona Hai
Udit Narayan
4:54हसीनों को आते हैं क्या क्या बहाने हसीनों को आते हैं क्या क्या बहाने खुदा भी ना जाने तो हम कैसे जाने हसीनों को आते हैं क्या क्या बहाने खुदा भी ना जाने तो हम कैसे जाने दीवानों को आते हैं क्या क्या बहाने दीवानों को आते हैं क्या क्या बहाने खुदा भी ना जाने तो हम कैसे जाने कभी रूठ जाना कभी मान जाना कभी कुछ ना कहना कभी मुस्कुराना आहा आहा आहा आहा कभी दूर जाना कभी पास आना कभी हम पे मरना कभी भाव खाना आहा आहा हमें ये लूटती है सोंखियों अदाओं से हमें ये मारती है मद भरी निगाहों से हंसाते हैं हमें ये चाहतों की बातों से कोई कैसे बचे इनकी करारी घातों से संग-दिल बेखबर आए तीरे नज़र कभी चुके न इनके निशाने हसीनों को आते हैं क्या क्या बहाने हसीनों को आते हैं क्या क्या बहाने खुदा भी ना जाने तो हम कैसे जाने दीवाना बनाना, बना के मिटाना हुनर ये हसीनों का बरसों पुराना आहा आहा दिलों को चुराना, चुरा के मिटाना ये किस्सा दीवानों का सब ने है जाना आहा आहा वफ़ा के नाम पे लूटा है बेवफ़ाओं ने किया बरबाद हमें मख़मली पनाहों ने किया रुसवा जमाने में हमें इन मर्दों ने दिया है दर्द हमको तो इन्हीं बेदर्दों ने एक दिन है यहाँ, एक दिन है वहाँ रोज़ इनके नए इक ठिकाने हसीनों को आते हैं क्या क्या बहाने हसीनों को आते हैं क्या क्या बहाने खुदा भी ना जाने तो हम कैसे जाने दीवानों को आते हैं क्या क्या बनाने दीवानों को आते हैं क्या क्या बनाने खुदा भी ना जाने तो हम कैसे जाने खुदा भी ना जाने तो हम कैसे जाने खुदा भी ना जाने तो हम कैसे जाने खुदा भी ना जाने तो हम कैसे जाने