Rimjhim Gire Sawan
Vijayashree Samant
3:35हे रंगीला हम्म रंगीला रंगीला रे, तेरे रँग में यूँ रँगा है मेरा मन छलिया रे, ना बुझे हैं किसी जल से ये जलन रंगीला रे, तेरे रँग में यूँ रँगा है मेरा मन छलिया रे, ना बुझे हैं किसी जल से ये जलन ओ रंगीला रे पलकों के झूले से सपनों की डोरी प्यार ने बाँधी जो तूने वो तोड़ी खेल ये कैसा रे, कैसा रे साथी दीया तो झूमें हैं, रोये हैं बाती कहीं भी जाये रे, रोये या गाये रे चैन न पाये रे हिया वाह रे प्यार, वाह रे वाह रंगीला रे, तेरे रँग में यूँ रँगा है मेरा मन छलिया रे, ना बुझे हैं किसी जल से ये जलन ओ रंगीला रे दुःख मेरा दुल्हा है, बिरहा है डोली आँसू की साड़ी है, आहों की चोली आग मैं पियूँ रे, जैसे हो पानी नारी दिवानी हूँ, पीड़ा की रानी मनवा ये जले है, जग सारा छले है साँस क्यों चले है पिया वाह रे प्यार, वाह रे वाह रंगीला रे, तेरे रँग में यूँ रँगा है मेरा मन छलिया रे, ना बुझे हैं किसी जल से ये जलन ओ रंगीला रे रंगीला रंगीला मैंने तो सींची रे, तेरी ये राहें मैंने तो सींची रे, तेरी ये राहें बाहों में तेरी क्यूँ औरों की बाहें कैसे तू भूला वो, फूलों सी रातें समझी जब आँखों ने आँखों की बातें गाँव भर छूटा रे, सपना हर टूटा रे फिर भी तू रूठा रे पिया वाह रे प्यार, वाह रे वाह रंगीला रे, तेरे रँग में यूँ रँगा है मेरा मन छलिया रे, ना बुझे हैं किसी जल से ये जलन ओ रंगीला रे रंगीला रे