Tu Meri
Vishal Dadlani
4:18हा आ हा आ नज़ारा है कुछ खोयी खोयी यादों का नज़ारा है कुछ भूलों से खयालो का आँखों में पल रहा हर घडी खल रहा रुके ना रुके ना बस हर घडी चल रहा नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ कोई अनदेखी तस्वीर का नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ हा आ हा आ हा आ हा आ कोई नशा है सज़ा है क्या ये बला है खता है बीते पल के कतरों का ऐसे वैसे खतरों का सोए हुए थे जो अब तक खूब सारे बरसो का नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हेहा आ कोई अनदेखी तस्वीर का नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ हा आ हा आ हा आ हा आ कैसा समा है खुमा है थोड़ा धुआँ सा यहाँ है जैसे कोई ख्वाब सा बहकी कोई राह का बिखरे हुए कुछ अंजाने से किस्सो का कैसा नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ कोई अनदेखी तस्वीर का नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ नज़ारा है हा आ ए ए