O Maahi
Arijit Singh
3:54हम्म हम्म ओ, किस्मत की छप्पर में छेद कितने सारे उसमें छन के आते रोशनी की छोटे-छोटे तारे चुन ना है मुमत के टूटने वाले तारे जिससे पूरे होंगे मुट्ठी भर अधूरे सपने सारे एक तारा टिम-टिमाया इतनी भीड़ में मुझको पाया एक तारा टिम-टिमाया इतनी भीड़ में मुझको पाया तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा (मुझको पाया) तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा जिसकी बातों में लहक है, चिंगारी सी दहक है ऐसे लगती माचिस बनाके भड़कती अकड़ में तन के ये न जलती तब तलक है, साथ जलाना तब तलक है बाकी खोती बातें, होने दो मुलाकातें ओ, अहे पेड़ों में वो उलझाओ मुझको मिलते ही बनता है छोटा, सुलझा-सुलझा एक तारा टिम-टिमाया इतनी भीड़ में तुझको पाया (तुझको पाया) एक तारा टिम-टिमाया इतनी भीड़ में तुझको पाया तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा (मुझको पाया) तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा मौसमों की तरह दुनिया-जहां को भी, बदलते पाया खारे पण की नमी ज़मीन पर एक मुट्ठी उम्मीद का बीज फेंक आया मुझको पाया एक तारा टिम-टिमाया इतनी भीड़ में मुझको पाया तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा (मुझको पाया) तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा, तारा