Maay Bhavani (From "Tanhaji - The Unsung Warrior")
Sukhwinder Singh
4:19देवा श्री गणेशा देवा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा ज्वाला सी जलती है आँखो मे जिसके भी दिल मे तेरा नाम है पर्वा ही क्या उसका आरंभ कैसा है और कैसा परिणाम है धरती अंबर सितारे उसकी नज़रे उतारे डर भी उससे डरा रे जिसकी रखवालिया रे करता साया तेरा हे देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा हो तेरी भक्ति तो वरदान है जो कमाए वो धनवान है बिन किनारे की कश्ती है वो देवा तुझसे जो अन्जान है यूँ तो मूषक सवारी तेरी सब पे है पहेरेदारी तेरी पाप की आँधिया लाख हो कभी ज्योती ना हारी तेरी अपनी तकदीर का वो खुद सिकंदर हुआ रे भूल के ये जहां रे जिस किसी ने यहाँ रे साथ पाया तेरा हे देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा हो तेरी धूलि का टीका किए देवा जो भक्त तेरा जिए उसे अमृत का है मोह क्या हँस के विष का वो प्याला पिए तेरी महिमा की छाया तले काल के रथ का पहिया चले एक चिंगारी प्रतिशोध से खड़ी रावण की लंका जले शत्रुओं की कतारें एक अकेले से हारे कण भी परबत हुआ रे श्लोक बन के जहाँ रे नाम आया तेरा हे देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा श्री गणेशा गणपति बप्पा मोरया घालीन लोटांगण वंदीन चरण डोळ्यांनी पाहीन रुप तुझें प्रेमें आलिंगन आनंदे पूजिन भावें ओवाळीन म्हणे नामा त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बंधुक्ष्च सखा त्वमेव त्वमेव विध्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देवदेव कायेन वाचा मनसेंद्रीयेव्रा बुद्धयात्मना वा प्रकृतिस्वभावात करोमि यध्य्त सकलं परस्मे नारायणायेति समर्पयामि अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकीनायकं रामचंद्र भजे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हर राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे