O Saajna
Akhil Sachdeva
4:45हम हम हम गलियाँ वो गलियाँ, कित्ते रे गइयाँ माहिया, जो तेरी ओर खींच लाती हैं उनसे गुज़रना जो मैं चाहूँ भी सही सिसकती हैं साँसें, मेरी जान जाती है गलियाँ वो गलियाँ, कित्ते रे गइयाँ माहिया, जो तेरी ओर खींच लाती हैं उनसे गुज़रना जो मैं चाहूँ भी सही सिसकती हैं साँसें, मेरी जान जाती है पास, तू मेरे पास नहीं आस जगी, पर अब वो बात नहीं मैं कमली बन चलिया मैं जोगन बन चलिया याद क्यूँ आए मुझे तेरी गलियाँ मैं कमली बन चलिया मैं जोगन बन चलिया दिल क्यूँ दुखाए मेरा तेरी गलियाँ तेरी गलियाँ, हाय, तेरी गलियाँ तेरी गलियाँ, हाय, तेरी गलियाँ (तेरी गलियाँ) बेख़याली सी है, बेबसी भी लगे नज़दीकियाँ जो चाहूँ फिर क्यूँ दूरियाँ ये बढ़ें सामने हूँ तेरे फिर क्यूँ कमी ये खले बिन तेरे हर वजह क्यूँ मुझे बेवजह सी लगे तड़पन भी मेरी, हाय, तड़पने लगी है तड़पन भी मेरी अब तड़पने लगी है क्यूँ पास, तू मेरे पास नहीं आस जगी, पर अब वो बात नहीं मैं कमली बन चलिया मैं जोगन बन चलिया याद क्यूँ आए मुझे तेरी गलियाँ मैं कमली बन चलिया मैं जोगन बन चलिया दिल क्यूँ दुखाए मेरा तेरी गलियाँ तेरी गलियाँ, हाय, तेरी गलियाँ तेरी गलियाँ, तेरी गलियाँ वो गलियाँ, कित्ते रे गइयाँ