Woh Lamhe Woh Baatein (From "Zeher")
Atif Aslam
5:21तुम्हारी चुप और हमारा लहज़ा तुम्हारी चुप और हमारा लहज़ा कभी, मिलेंगे तो बात होगी हमारी आँखें तुम्हारा चेहरा कभी मिलेंगे तो बात होगी तुम्हारी चुप और हमारा लहज़ा कभी मिलेंगे तो बात होगी दे ना ना दे ना ना दे ना ना दे ना ना कहेंगे तुमसे के दिल की बातें छुपा के, रखना बड़ा गुनाह है तुमसे मिलकर तुम्हें ना मिलना कसम खुदा की, बड़ी सज़ा है तुम्हारे चेहरे के कूफ़ल नज़रों से खुल ना पाएं तो क्या करें हम पैरों के रख ली है दिल में आँखें वही से अब तुमको देखना है तुम्हारे जल्मो पे सर का झुकना कभी मिलेंगे तो बात होगी मोहब्बतें जब लिखा करोगे हमारा नामो में नाम होगा कभी जो धड़केगा दिल तुम्हारा हमारे दिल का सलाम होगा कभी जो तारों से दोस्ती हो तो जुगनूओं से भी मिलते रहना हमारे लफ़्ज़ों से बात बन कर लिखो के जब तुम कलाम होगा उदास लम्हें में हँसके कहना कभी मिलेंगे तो बात होगी