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Babul Supriyo, Mahalakshmi, Anu Malik, And Rahat Indori - Kabhi Khamosh Baithogi | Скачать MP3 бесплатно
Kabhi Khamosh Baithogi

Kabhi Khamosh Baithogi

Babul Supriyo, Mahalakshmi, Anu Malik, And Rahat Indori

Альбом: Chehraa
Длительность: 7:15
Год: 2004
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Текст песни

कभी खामोश बैठोगी
कभी कुछ गुनगुनाओगी
कभी खामोश बैठोगी
कभी कुछ गुनगुनाओगी
कभी खामोश बैठोगी
कभी कुछ गुनगुनाओगी
मैं उतना याद आऊँगा
मुझे जितना भुलाओगी
मैं उतना याद आऊँगा
मुझे जितना भुलाओगी
कभी खामोश बैठोगे
कभी कुछ गुनगुनाओगे
कभी खामोश बैठोगे
कभी कुछ गुनगुनाओगे
कभी खामोश बैठोगे
कभी कुछ गुनगुनाओगे
कभी खामोश बैठोगे
कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगी
मुझे जितना भुलाओगे
मैं उतना याद आऊँगी
मुझे जितना भुलाओगे

पड़ोगे खत कभी मेरे
कभी तस्वीर देखोगे
कभी हाथों में जो लिखी है
वो तक़दीर देखोगे
लिखोगी कुछ हथेली पर
पड़ोगी कुछ किताबो में
नज़र आऊंगा मैं तुमको
सवालो में जवाबो में
कभी तुम मुस्कुराओगी
कभी आंसू बहाओगी
किसी से कुछ छुपाओगी
किसी को कुछ बताओगी

कभी खामोश बैठोगे
कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगी
मुझे जितना भुलाओगे
मैं उतना याद आऊँगी
मुझे जितना भुलाओगे
कभी खामोश बैठोगी
कभी कुछ गुनगुनाओगी
मैं उतना याद आऊँगा
मुझे जितना भुलाओगी
मैं उतना याद आऊँगा
मुझे जितना भुलाओगी

मेरे सीने पे सर रख कर
गुजारी है कई राते
भुला सकती हो तुम कैसे
वो पल पल की मुलाकाते
नयी रातों में तुम अक्सर
पुराने दिन तलाशोगे
कोई चेहरा भी मिल जाए
मेरा चेहरा तरसोगे
मेरी तस्वीर फेंकोगे
न मेरे खत जलाओगे
दिया अपने सिराहने का
जलाओगे भुजाओगे
कभी खामोश बैठोगी
कभी कुछ गुनगुनाओगी
मैं उतना याद आऊँगा
मुझे जितना भुलाओगी
मैं उतना याद आऊँगा
मुझे जितना भुलाओगी
कभी खामोश बैठोगे
कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगी
मुझे जितना भुलाओगे
मैं उतना याद आऊँगा
मुझे जितना भुलाओगी.