Dekha Ek Khwab
Babul Supriyo & Sadhana Sargam
5:15ये समां, समां है ये प्यार का किसी के इंतज़ार का दिल ना चुरा ले कहीं मेरा मौसम बहार का ये समां, समां है ये प्यार का किसी के इंतज़ार का दिल ना चुरा ले कहीं मेरा मौसम बहार का बसने लगे आँखों में, कुछ ऐसे सपने बसने लगे आँखों में, कुछ ऐसे सपने कोई बुलाये जैसे, नैनों से अपने, नैनों से अपने ये समां, समां है प्यार का किसी के इंतज़ार का दिल ना चुरा ले कहीं मेरा मौसम बहार का हम्म हम्म मिल के ख़यालों में ही, अपने बलम से मिल के ख़यालों में ही, अपने बलम से नींद गवाली अपनी, मैंने कसम से, मैंने कसम से ये समां, समां है खुमार का किसी के इंतज़ार का दिल ना चुरा ले कहीं मेरा मौसम बहार का ये समां, समां है ये प्यार का किसी के इंतज़ार का दिल ना चुरा ले कहीं मेरा मौसम बहार का