Woh Ishq Jo Hamse Rooth Gaya

Woh Ishq Jo Hamse Rooth Gaya

Farida Khanum

Длительность: 5:20
Год: 1988
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Текст песни

वो इश्क जो हम से रूठ गया
अब उसका हाल बतायें क्या
वो इश्क जो हम से रूठ गया
अब उसका हाल बतायें क्या
कोई महर नहीं कोई केहेर नहीं
फिर सच्चा शेर सुनायें क्या
वो इश्क जो हम से रूठ गया

इक हिज्र जो हमको लाहक है
ता देर उसे दोहरायें क्या

इक हिज्र जो हमको लाहक है
ता देर उसे दोहरायें क्या
वो ज़हर जो दिल में उतार दिया
फिर उसके नाज़ उठायें क्या
वो ज़हर जो दिल में उतार दिया
फिर उसके नाज़ उठायें क्या
कोई महर नहीं कोई केहेर नहीं
फिर सच्चा शेर सुनायें क्या
वो इश्क जो हम से रूठ गया

इक आग गमे तन्हाई की
जो सारे बदन में फ़ैल गई

इक आग गमे तन्हाई की
जो सारे बदन में फ़ैल गई
जब जिस्म ही सारा जलता हो
फिर दामन ऐ दिल को बचायें क्या
जब जिस्म ही सारा जलता हो
फिर दामन ऐ दिल को बचायें क्या
कोई महर नहीं कोई केहेर नहीं
फिर सच्चा शेर सुनायें क्या
वो इश्क जो हम से रूठ गया

हम नगमा  सरा कुछ ग़ज़लों के
हम सूरत हैं कुछ ख्वाबों के

हम नगमा  सरा कुछ ग़ज़लों के
हम सूरत हैं कुछ ख्वाबों के
बे ज़ुज्बा ऐ शोक सुनायें क्या
कोई ख्वाब ना हो तो बतायें क्या
बे ज़ुज्बा ऐ शोक सुनायें क्या
कोई ख्वाब ना हो तो बतायें क्या
कोई महर नहीं कोई केहेर नहीं
फिर सच्चा शेर सुनायें क्या
वो इश्क जो हम से रूठ गया
अब उसका हाल बतायें क्या
वो इश्क जो हम से रूठ गया
अब उसका हाल बतायें क्या
वो इश्क जो हम से रूठ गया
अब उसका हाल बतायें क्या