Din Kuch Aise Guzarta Hai Koi
Jagjit Singh
5:20बे सबब बात बढ़ने की ज़रूरत क्या है बे सबब बात बढ़ने की ज़रूरत क्या है हम खफा कब थे मानने की ज़रूरत क्या है बे सबब बात बढ़ने की ज़रूरत क्या है आप के दम से तो दुनिया का भरम है क़ायम आप के दम से तो दुनिया का भरम है क़ायम आप जब हैं तो ज़माने की ज़रूरत क्या है बे सबब बात बढ़ने की ज़रूरत क्या है हम खफा कब थे मानने की ज़रूरत क्या है बे सबब बात बढ़ने की ज़रूरत क्या है तेरा कूचा, तेरा दर, तेरी गली काफ़ी है तेरा कूचा, तेरा दर, तेरी गली काफ़ी है बे-ठिकानों को ठिकाने की ज़रूरत क्या है बे-ठिकानों को ठिकाने की ज़रूरत क्या है बे सबब बात बढ़ने की ज़रूरत क्या है दिल से मिलने की तमन्ना ही नहीं जब दिल में दिल से मिलने की तमन्ना ही नहीं जब दिल में हाथ से हाथ मिलने की ज़रूरत क्या है बे सबब बात बढ़ने की ज़रूरत क्या है हम खफा कब थे मानने की ज़रूरत क्या है बे सबब बात बढ़ने की ज़रूरत क्या है रंग आँखूं के लिए बू है दामघून के लिए रंग आँखूं के लिए बू है दामघून के लिए फ़ॉल को हाथ लगाने की ज़रूरत क्या है फ़ॉल को हाथ लगाने की ज़रूरत क्या है बे सबब बात बढ़ने की ज़रूरत क्या है हम खफा कब थे मानने की ज़रूरत क्या है बे सबब बात बढ़ने की ज़रूरत क्या है