Rukh Se Parda
Jagjit Singh
5:50मुझको यकीन है मुझको यकीन है सच केहती थी जो भी अम्मी केहती थी मुझको यकीन है मुझको यकीन है सच केहती थी जो भी अम्मी केहती थी जब मेरे बचपन के दीने थे जब मेरे बचपन के दीने थे चाँद में परिया रेहती थी मुझको यकीन है सच केहति थी जो भी अम्मी केहती थी जब मेरे बचपन के दीने थे चाँद में परिया रेहती थी मुझको यकीन है सच केहती थी जो भी अम्मी केहती थी एक ये दिन जब अपनों ने भी हमसे नाता तोड़ लिया एक वो दिन जब पेड़ की शाखें बोझ हमारा सेहती थी मुझको यकीन है, सच केहती थी जो भी अम्मी केहती थी एक ये दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आँसू का एक ये दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आँसू का एक वो दिन जब एक ज़रा सी बात पे नदियाँ बहती थी मुझको यकीन है सच केहति थी जो भी अम्मी केहति थी जब मेरे बचपन के दीने थे जब मेरे बचपन के दीने थे जब मेरे बचपन के दीने थे चाँद में परिया रेहती थी मुझको यकीन है सच केहति थी जो भी अम्मी केहति थी जो भी अम्मी केहति थी जो भी अम्मी केहति थी