Woh Kagaz Ki Kasti Part I And Ii

Woh Kagaz Ki Kasti Part I And Ii

Jagjit Singh

Альбом: Aaj
Длительность: 5:58
Год: 1985
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Текст песни

ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो काग़ज़ कि कश्ती, वो बारिश का पानी
वो काग़ज़ कि कश्ती, वो बारिश का पानी

मुहल्ले की सबसे निशानी पुरानी
वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी
वो नानी की बातों में परियों का डेरा
वो चेहरे की झुर्रियों में सदियों का फेरा
भुलाये नहीं भूल सकता हैं कोई
भुलाये नहीं भूल सकता हैं कोई
वो छोटी सी रातें, वो लंबी कहानी
वो छोटी सी रातें, वो लंबी कहानी

कड़ी धूंप में अपने घर से निकलना
वो चिड़िया, वो बुलबुल, वो तितलि पकड़ना
वो गुड़िया की शादी में लड़ना झगड़ना
वो झूलों से गिरना, वो गिर के संभालना
वो पितल के छल्लों के प्यारे से तोहफे
वो पितल के छल्लों के प्यारे से तोहफे
वो टूटी हुई चूड़ियों की निशानी
वो काग़ज़ कि कश्ती, वो बारिश का पानी
वो काग़ज़ कि कश्ती, वो बारिश का पानी
वो काग़ज़ कि कश्ती, वो बारिश का पानी

कभी रेत के उँचे टिलों पे जाना
घरौंदे बनाना, बना के मिटाना
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो ख्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी
ना दुनियाँ का गम था, ना रिश्तों के बंधन
ना दुनियाँ का गम था, ना रिश्तों के बंधन
बड़ी खुबसूरत थी वो ज़िंदगानी
बड़ी खुबसूरत थी वो ज़िंदगानी
बड़ी खुबसूरत थी वो ज़िंदगानी
बड़ी खुबसूरत थी वो ज़िंदगानी