Na Hansna Mere Gham Pe

Na Hansna Mere Gham Pe

Kishore Kumar

Длительность: 4:56
Год: 1971
Скачать MP3

Текст песни

न हँसना मेरे ग़म पे इंसाफ़ करना
जो मैं रो पड़ूँ तो मुझे माफ़ करना
जब दर्द नहीं था सीने में
तब ख़ाक मज़ा था जीने में
जब दर्द नहीं था सीने में
तब ख़ाक मज़ा था जीने में
अब के शायद हम भी रोयें सावन के महीने में
जब दर्द नहीं था सीने में
तब ख़ाक मज़ा था जीने में
अब के शायद हम भी रोयें सावन के महीने में
जब दर्द नहीं था सीने में
तब ख़ाक मज़ा था जीने में

यारो का ग़म क्या होता है
यारो का ग़म क्या होता है
यारो का ग़म क्या होता है
मालूम न था अन्जानों को
साहिल पे खड़े होकर
हमने देखा अक़्सर तूफ़ानों को
अब के शायद हम भी डूबे
मौजों के सफ़ीने में
जब दर्द नहीं था सीने में
तब ख़ाक मज़ा था जीने में

ऐसे तो ठेस न लगती थी
जब अपने रूठा करते थे
इतना तो दर्द न होता था
जब सपने टूटा करते थे
अब के शायद दिल भी टूटे
अब के शायद हम भी रोयें सावन के महीने में
जब दर्द नहीं था सीने में
तब ख़ाक मज़ा था जीने में

इस क़दर प्यार तो कोई करता नहीं
मरने वालों के साथ कोई मरता नहीं
आप के सामने मैं न फिर आऊँगा
गीत ही जब न होंगे तो क्या गाऊँगा
मेरी आवाज़ प्यारी है तो दोस्तों
यार बच जाये मेरा दुआ सब करो
दुआ सब करो