Kiska Rasta Dekhe (From "Joshila")
Kishore Kumar
4:17न हँसना मेरे ग़म पे इंसाफ़ करना जो मैं रो पड़ूँ तो मुझे माफ़ करना जब दर्द नहीं था सीने में तब ख़ाक मज़ा था जीने में जब दर्द नहीं था सीने में तब ख़ाक मज़ा था जीने में अब के शायद हम भी रोयें सावन के महीने में जब दर्द नहीं था सीने में तब ख़ाक मज़ा था जीने में अब के शायद हम भी रोयें सावन के महीने में जब दर्द नहीं था सीने में तब ख़ाक मज़ा था जीने में यारो का ग़म क्या होता है यारो का ग़म क्या होता है यारो का ग़म क्या होता है मालूम न था अन्जानों को साहिल पे खड़े होकर हमने देखा अक़्सर तूफ़ानों को अब के शायद हम भी डूबे मौजों के सफ़ीने में जब दर्द नहीं था सीने में तब ख़ाक मज़ा था जीने में ऐसे तो ठेस न लगती थी जब अपने रूठा करते थे इतना तो दर्द न होता था जब सपने टूटा करते थे अब के शायद दिल भी टूटे अब के शायद हम भी रोयें सावन के महीने में जब दर्द नहीं था सीने में तब ख़ाक मज़ा था जीने में इस क़दर प्यार तो कोई करता नहीं मरने वालों के साथ कोई मरता नहीं आप के सामने मैं न फिर आऊँगा गीत ही जब न होंगे तो क्या गाऊँगा मेरी आवाज़ प्यारी है तो दोस्तों यार बच जाये मेरा दुआ सब करो दुआ सब करो