Naraaz Savera Hai

Naraaz Savera Hai

Kumar Sanu

Альбом: Sangharsh
Длительность: 5:07
Год: 1999
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Текст песни

नाराज़ सवेरा है
हर ओर अँधेरा है
नाराज़ सवेरा है
हर ओर अँधेरा है
कोई किरण तो आये कहीं से
आये आये
नाराज़ सवेरा है
हर ओर अँधेरा है
कोई किरण तो आये कहीं से
आये आये
नाराज़ सवेरा है

ज़िन्दगी तन्हाइओ का दर्द है नाम है
हर ख़ुशी ढलती हुई
दुःख भरी शाम है
साँसों के ख़ज़ानो का
ये वक़्त लूटेरा है
कोई किरण तो आये कहीं से
आये आये
नाराज़ सवेरा है

रात की खामोशियों में
अनसुना शोर  है
खींचती बांधे बिना ही
कौन सी ये डोर है

बेजान सलखो ने
मेरी रूह को घेरा है
कोई किरण तो आये कहीं से
आये आये
नाराज़ सवेरा है

वह मेरे बचपन का मौसम
वह ज़माना खो गया
मौत के साये में रह के
बेजुबान मैं हो गया
ज़ख्मों की ज़मीनों पे
ज़ुलमो का बसेरा है
कोई किरण तो आये कहीं से
आये आये
नाराज़ सवेरा है
हर ओर अँधेरा है
कोई किरण तो आये कहीं से
आये आये
आये आये