Ek Shahenshah Ne Banwa Ke

Ek Shahenshah Ne Banwa Ke

Lata Mangeshkar, Mohammed Rafi

Длительность: 5:18
Год: 1952
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Текст песни

आ आ आ आ
आ आ आ

एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल
सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है

इसके साये में सदा प्यार के चर्चे होंगे
ख़त्म जो हो ना सकेगी वो कहानी दी है

एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल (एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल)

ताज वो शम्मा है उल्फत के सनम खाने की
जिसके परवानो में मुफ़लिस भी है ज़रदार भी है

संग ए मरमर में समाए हुए ख्वाबों की क़सम
मरहले प्यार के आसान भी दुश्वार भी है

दिल को एक जोश इरादो को जवानी दी है

एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल (एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल)

ताज इक ज़िंदा तसव्वुर है किसी शायर का
इसका अफ़साना हकीकत के सिवा कुछ भी नहीं

इसके आगोश में आकर ये गुमा होता है
ज़िन्दगी जैसे मुहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं

ताज ने प्यार की मौजो को रवानी दी है

एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल (एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल)

ये हसीं रात ये महाकि हुई पुरनूर फ़ज़ा
हो इजाज़त तो ये दिल इश्क़ का इज़हार करे

इश्क़ इंसान को इंसान बना देता है
किसकी हिम्मत है मुहब्बत से जो इनकार करे

आज तकदीर ने ये रात सुहानी दी है

एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल (एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल)
सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है (सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है)
एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल (एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल)