Dikhai Diye Yun
Lata Mangeshkar
4:21रुके रुके से कदम रुक के बार बार चले रुके रुके से कदम रुक के बार बार चले क़रार लेके तेरे दर से बेक़रार चले रुके रुके से कदम रुक के बार बार चले रुके रुके से कदम सुबह ना आयी कई बार नींद से जागे सुबह ना आयी कई बार नींद से जागे थी एक रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले थी एक रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले रुके रुके से कदम उठाये फिर दे के एहसान दिल का सीने पर उठाये फिर दे के एहसान दिल का सीने पर ले तेरे कदमों पे ये क़र्ज़ भी उतार चले ले तेरे कदमों पे ये क़र्ज़ भी उतार चले क़रार लेके तेरे दर से बेक़रार चले रुके रुके से कदम रुक के बार बार चले रुके रुके से कदम