Ehsan Tera Hoga Mujh Par
Mohammed Rafi
3:27हुं हुं हुं हुं चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो चौदहवीं का चाँद हो जुल्फ़ें हैं जैसे कांधों पे बादल झुके हुए आँखें हैं जैसे मय के प्याले भरे हुए मस्ती हैं जिसमे प्यार की तुम वो शराब हो चौदहवीं का चाँद हो चेहरा है जैसे झील में हँसता हुआ कँवल या जिंदगी के साज़ पे छेड़ी हुई गज़ल जाने बहार तुम किसी शायर का ख़्वाब हो चौदहवीं का चाँद हो होंठों पर खेलती हैं तब्बसुम की बिजलियाँ सजदे तुम्हारी राह में करती हैं कहकशां दुनिया ए हुस्नों इश्क़ का तुम ही शबाब हो चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो चौदहवीं का चाँद हो