Ehsan Tera Hoga Mujh Par
Mohammed Rafi
3:27हुई शाम उन का ख़याल आ गया हुई शाम उन का ख़याल आ गया वही ज़िंदगी का सवाल आ गया वही ज़िंदगी का सवाल आ गया हुई शाम उन का ख़याल आ गया हुई शाम उन का ख़याल आ गया अभी तक तो होठों पे था तबस्सुम का एक सिलसिला बहोत शादमाँ थे हम उनको भुला कर अचानक ये क्या हो गया के चेहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया के चेहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया हुई शाम उन का ख़याल आ गया हुई शाम उन का ख़याल आ गया हमें तो यही था गुरूर ग़म-ए-यार है हमसे दूर वही ग़म जिसे हमने किस किस जतन से निकाला था इस दिल से दूर वो चलकर क़यामत की चाल आ गया वो चलकर क़यामत की चाल आ गया हुई शाम उन का ख़याल आ गया वही ज़िंदगी का सवाल आ गया हुई शाम उन का ख़याल आ गया हुई शाम उन का ख़याल आ गया