Guzre Hain Aaj Ishq Mein Ham

Guzre Hain Aaj Ishq Mein Ham

Mohd Rafi

Альбом: Dil Diya Dard Liya
Длительность: 3:49
Год: 1966
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Текст песни

गुज़रे हैं आज इश्क़ में हम उस मक़ाम से
गुज़रे हैं आज इश्क़ में हम उस मक़ाम से
नफ़रत सी हो गई है महोब्बत के नाम से
गुज़रे हैं

हमको न ये गुमान था ओ संगदिल सनम
राह ए वफ़ा से तेरे बहक जाएंगे क़दम
छलकेगा ज़हर भी तेरी आँखों के जाम से
गुज़रे हैं आज इश्क़ में हम उस मक़ाम से
गुज़रे हैं

ओ बेवफ़ा तेरा भी यूँ ही टूट जाए दिल
तू भी तड़प-तड़प के पुकारे हाय दिल
तेरा भी सामना हो कभी ग़म की शाम से
गुज़रे हैं

हम वो नहीं जो प्यार में रोकर गुज़ार दें
परछाईं भी हो तेरी तो ठोकर से मार दें
वाक़िफ़ हैं हम भी ख़ूब हर एक इंतक़ाम से
गुज़रे हैं आज इश्क़ में हम उस मक़ाम से
नफ़रत सी हो गई है मुहब्बत के नाम से
गुज़रे हैं आज इश्क़ में