Zuban Pe Dard Bhara Dastan Revival

Zuban Pe Dard Bhara Dastan Revival

Mohd Rafi

Альбом: Maryada
Длительность: 4:21
Год: 1971
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Текст песни

ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले ख़्हिज़ाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई

ख़ुशी की चाह में मैं ने उठाये रंज बड़े
ख़ुशी की चाह में मैं ने उठाये रंज बड़े
मेरा नसीब की मेरे क़दम जहाँ भी पड़े
ये बदनसीबी मेरी भी वहाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई

उदास रात है वीरान दिल की महफ़िल है
उदास रात है वीरान दिल की महफ़िल है
न हम्सफ़र है कोई और न कोई मंज़िल है
ये ज़िंदगी मुझे लेकर कहाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले ख़्हिज़ाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई