Husn Se Chand Bhi Sharmaye

Husn Se Chand Bhi Sharmaye

Mohd Rafi

Альбом: Door Ki Awaz
Длительность: 3:20
Год: 1964
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Текст песни

हुस्न से चाँद भी शरमाया है तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है
हुस्न से चाँद भी शरमाया है तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है

हाय इन प्यार में डूबी हुई आँखों की क़सम
हाय इन प्यार में डूबी हुई आँखों की क़सम
आदमी क्या है फ़रिश्तों के बहक जाएँ क़दम
आदमी क्या है फ़रिश्तों के बहक जाएँ क़दम
बिन पिए मुझपे नशा छाया है
तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है
हुस्न से चाँद भी शरमाया है तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है

मुस्कराएँ जो तेरे लब तो बहारें आईं
मुस्कराएँ जो तेरे लब तो बहारें आईं
खिल गए फूल पड़ी तेरी जहाँ परछाईं
खिल गए फूल पड़ी तेरी जहाँ परछाईं
तूने गुलशन मेरा महकाया है
तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है
हुस्न से चाँद भी शरमाया है तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है