Jiyein Kyun
Papon
4:25आसमाँ पे ज़िंदा मैं इक परिंदा मैं चल चलूँ जहाँ तू कहे रास्तों पे तेरा ही बनके हमराही चल चलूँ जहाँ तू कहे झू रा तारा रा आसमाँ पे ज़िंदा मैं इक परिंदा मैं चल चलूँ जहाँ तू कहे छोटे से बहाने पे इक बुलावे पे चल चलूँ जहाँ तू कहे साथ में जो बहे किनारे मिलेंगे कभी साथ में सिलसिले बढ़ा ले अगर तो क्या हो ग़म फिर तू चले तो होश खो के चल दूँ मैं भी खुमार में तू चले तो आओ आओ चले तो तू चले तो ख्वाब जैसे मंज़र हो इंतज़ार में तू चले तो मिलेंगे जीने के बहाने सौ जाना है कहाँ जी क्यूँ हो परेशाँ जी सोचेंगे सफ़र में ही हम नाम की है मंज़िल होना हो ये हासिल देखेंगे सफ़र में ही हम तो भला क्या गिला की देर से तू क्यूँ मिला राह पर हमसफ़र जो बनके चले तो क्या हो ग़म फिर तू चले तो होश खो के चल दूँ मैं भी खुमार में तू चले तो आओ आओ चले तो तू चले तो तू चले तो ख्वाब जैसे मंज़र हो इंतज़ार में तू चले तो मिलेंगे जीने के बहाने सौ यूँ तो हूँ मुसाफिर मैं तेरी खातिर मैं चल चलूँ जहाँ तू कहे रास्तों पे तेरा ही बनके हमराही चल चलूँ जहाँ तू कहे जहाँ तू कहे