Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon
Pradeep
3:28हाए रे संजोग तूने क्या घड़ी दिखलाई हाए रे संजोग तूने क्या घड़ी दिखलाई पास लाकर दो दिलो को फिर से क्यो दे दी जुदाई हाए रे संजोग तूने क्या घड़ी दिखलाई बेटे के सपनो में खोई एक अभागन माँ दिल पुकारे लाल का भी माँ तू बोल कहा ऐसी किस्मत देख इनकी हमको तो आती रुलाई हाए रे संजोग तूने क्या घड़ी दिखलाई बहेना ढूँढे भाई अपना भाई ढूँढे बहेन पर अभागे मिल ना पाते वक़्त है दुश्मन राखी के दिन भी तरसाती हाय भाई की कलाई हाए रे संजोग तूने क्या घड़ी दिखलाई हाल मत पूछो कोई इन गम के मारो का वो जो ढोते है ये पिछले यादगारो का भाग्या में जो दी सज़ा वो आज भी कम हो ना पाई हाए रे संजोग तूने क्या घड़ी दिखलाई हाए रे संजोग तूने क्या घड़ी दिखलाई