Bavra Mann
Swanand Kirkire
3:40ज़िन्दगी कैसी है पहेली, हाय कभी तो हँसाए, कभी ये रुलाये ज़िन्दगी कैसी है पहेली, हाय आ आ कभी तो हँसाए, कभी ये रुलाये आ आ आ आ तो भी, देखो, मन नहीं जागे आ आ आ आ पीछे-पीछे सपनों के भागे आ आ हे हे तो भी, देखो, मन नहीं जागे आ आ पीछे-पीछे सपनों के भागे आ आ एक दिन सपनों का राही आ आ चला जाए सपनों से आगे, कहाँ आ आ ज़िन्दगी कैसी है पहेली, हाय आ आ कभी तो हँसाए, कभी ये रुलाये आ आ आ आ, जिन्होंने सजाए यहाँ मेले आ आ सुख-दुःख संग-संग झेले आ आ हे हे जिन्होंने सजाए यहाँ मेले आ आ सुख-दुःख संग-संग झेले आ आ वो ही चुनकर खामोशी आ आ यूँ चले जाए अकेले, कहाँ ज़िन्दगी कैसी है पहेली, हाय आ आ कभी तो हँसाए, कभी ये रुलाये आ आ