Na Ja Kahin Ab Na Ja
Sanjay Vasani
4:40मेहरबां लिखूँ हसीना लिखूँ या दिलरुबा लिखूँ हैरान हूँ के आपको इस खत में क्या लिखूँ ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के तुम नाराज़ ना होना के तुम मेरी ज़िन्दगी हो के तुम मेरी बंदगी हो ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के तुम नाराज़ ना होना के तुम मेरी ज़िन्दगी हो के तुम मेरी बंदगी हो तुझे मैं चाँद कहता था मगर उसमें भी दाग है तुझे मैं चाँद कहता था मगर उसमें भी दाग है तुझे सूरज मैं कहता था मगर उसमें भी आग है तुझे इतना ही कहता हूँ के मुझको तुमसे प्यार है तुमसे प्यार है तुमसे प्यार है ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के तुम नाराज़ ना होना के तुम मेरी ज़िन्दगी हो के तुम मेरी बंदगी हो