Noor E Khuda
Shankar Ehsaan Loy
6:38कुछ ख़ुश्बुएं यादों के जंगल से बह चलीं कुछ खिड़कियाँ लम्हों की दस्तक पे खुल गईं कुछ गीत पुराने रक्खे थे सिरहाने कुछ सुर कहीं खोए थे बन्दिश मिल गई जीने के इशारे मिल गए हम्म हम्म हम्म हम्म मिलगये बिछड़े थे किनारे मिल गए हम्म हम्म हम्म हम्म ओ ओ ओ ओ जीने के इशारे मिल गए बिछड़े थे किनारे मिल गए जीने के इशारे मिल गए बिछड़े थे किनारे मिल गए मेरी ज़िन्दगी में तेरी बारिश क्या हुई मेरे रास्ते दरिया बने बहने लगे मेरी करवटों को तूने आके क्या छुआ कई ख़्वाब नींदों की गली रहने लगे जीने के इशारे मिल गए बिछड़े थे किनारे मिल गए जीने के इशारे मिल गए बिछड़े थे किनारे मिल गए मेरी लौ हवाओं से झगड़कर जी उठी मेरे हर अँधेरे को उजाले पी गए तूने हँसके मुझसे मुस्कुराने को कहा मेरे मन के मौसम गुलमोहर से हो गए जीने के इशारे मिल गए बिछड़े थे किनारे मिल गए जीने के इशारे मिल गए बिछड़े थे किनारे मिल गए कुछ ख़ुश्बुएं साँसों से साँसों में घुल गईं कुछ खिड़कियाँ आँखों ही आँखों में खुल गईं कुछ प्यास अधूरी, कुछ शाम सिंदूरी कुछ रेशमी गुनाहों में रातें ढल गईं जीने के इशारे मिल गए बिछड़े थे किनारे मिल गए ओ ओ ओ ओ जीने के इशारे मिल गए बिचड़े थे किनारे मिल गए बिचड़े थे किनारे मिल गए जीने के इशारे मिल गए बिचड़े थे किनारे मिल गए जीने के इशारे मिल गए बिचड़े थे किनारे मिल गए जीने के इशारे मिल गए बिचड़े थे किनारे मिल गए जीने के इशारे मिल गए बिचड़े थे किनारे मिल गए