Bas Ek Pal
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5:37अश्क़ भी मुस्कराए तुम जो मिले मिल गयी है ज़िन्दगी जर्द थे पेड़ों के साये बेजान थी बिन तेरे ज़िन्दगी हा अश्क़ भी मुस्कराए तुम जो मिले मिल गयी है ज़िन्दगी जर्द थे पेड़ों के साये बेजान थी बिन तेरे ये ज़िन्दगी हा अब तलक जो देखते थे हा मेरा वह ख्वाब है फिर भी दिल क्यों ना जाने बेचैन हैं बेताब हैं बेचैन हैं बेताब हैं मैंने यह सोचा न था दिल की दुआ रंग लायेगी ऐसा कभी भी हो पायेगा तू रूबरू लहरायेगी झांक ले आँखों में मेरे दीवानगी आबाद है हो फिर भी दिल क्यों तुम्हारा बेचैन है बेताब है बेचैन है बेताब है फूलों पे शबनम थमी यह किसके इंतज़ार में सुन कह रही हम भी युही जीते रहे खुमार में अब तलक जो देखते थे हाँ यह मेरा वह ख्वाब है फिर भी दिल क्यों ना जाने बेचैन हैं बेताब हैं बेचैन हैं बेताब हैं अश्क़ भी मुस्कराए तुम जो मिले मिल गयी है ज़िन्दगी