Labon Ko
K.K.
5:42बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल तू एक बार जो प्यार से मुझको छू ले तो हर ज़ख़्म भर जाएगा ज़रा इल्तिजा सुन के दीवाने दिल की मुझे अपने दिल से लगा तेरे प्यार में ऐसे जिएँ हम जला है ये दिल, ये ऑंखें हुईं नम तेरे प्यार में ऐसे जिएँ हम जला है ये दिल, ये ऑंखें हुईं नम (बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल) (बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल) हमारे ख़यालों में, ख़्वाबों में यादों में, बातों में रहते हो तुम बढ़ा के मैं ये हाथ छूना जो चाहूँ तो पल-भर में होते हो गुम तेरे प्यार में ऐसे जिएँ हम जला है ये दिल, ये ऑंखें हुईं नम बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल सुना है, मोहब्बत की तक़दीर में लिखे हैं अँधेरे घने तभी आज शायद सितारे सभी ज़रा सा ही रौशन हुए मेरे हाथ की इन लकीरों में लिखे अभी और कितने सितम ख़फ़ा हो गई है ख़ुशी वक़्त से हो रहे हैं मेहरबान ग़म तेरे प्यार में ऐसे जिएँ हम जला है ये दिल, ये ऑंखें हुईं नम तेरे प्यार में ऐसे जिएँ हम जला है ये दिल, ये ऑंखें हुईं नम बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल (बस एक पल) (बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल) (बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल) (बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल) (बस एक पल, बस एक पल, बस एक पल) बस एक पल