Bhage Re Mann
Sunidhi Chauhan
5:35थकी थकी सी शाम फिर जवान होने लगी उजालों ने चुराए हैं रात के सब निशान अभी अभी जिंदगी उड़ रही बनके धुंआ धुंआ कल मिले ना मिले क्या पता कल कहां आ सवारू तुझे के जी लूँ मै यह लम्हा जब यहाँ दिल से दिल मिले फिर से प्यार की इक हवा बहे बाहें फैलाये आ गए है मिलने को बेक़रार से ढूंढते फिरते थे कौन यह खोज से बैठे हैं पहलुओं में एक एक किस्से हसरतें थी किसी की किसी की ना हो गयी थकी थकी सी शाम फिर जवान होने लगी उजालों ने येआ ओह ओह ये आसमान से उतरता शोर चमक रहा है पोर पोर झिलमिलाती हुई यह रात गाती हुई इक सुहागण सी रात यह सुहाना समां कल मिले ना मिले क्या पता कल कहां आ सवारू तुझे के जी लूं मैं थकी थकी सी शाम फिर जवान हो गयी थकी थकी सी शाम फिर जवान हो गयी थकी थकी सी शाम फिर जवान हो गयी थकी थकी थकी थकी