Chal Akela Chal Akela
Sunil Kumar Goel
5:28हा होआने से उसके आए बहार जाने से उसके जाए बहार बडी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा मेरी जिन्दगानी है, मेरी मेहबूबा आने से उसके आए बहार जाने से उसके जाए बहार बडी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा मेरी जिन्दगानी है, मेरी मेहबूबा गुनगुनाए ऐसे जैसे बजते हो घुँघरू कहीं पे आके परबतों से जैसे गिरता हो झरना जमीं पे झरनों की मौज है वो, मौजों की रवानी है मेरी मेहबूबा मेरी जिन्दगानी है, मेरी मेहबूबा बन संवर के निकले, आए सावन का जब जब महीना हर कोई ये समझे, होगी वो कोई चंचल हसीना पूछो तो कौन है वो, रुत ये सुहानी है मेरी मेहबूबा मेरी जिन्दगानी है, मेरी मेहबूबा