Jinka Ghar Ho Ayodhaya Jaisa

Jinka Ghar Ho Ayodhaya Jaisa

Suresh Wadkar

Альбом: Bade Ghar Ki Beti
Длительность: 5:37
Год: 1998
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Текст песни

जय जय राम सिया राम सिया राम सिया राम
जय जय राम सिया राम सिया राम सिया राम

जिनका घर हो अयोध्या जैसा, उनकी होत बड़ाई
जिनका घर हो अयोध्या जैसा, उनकी होत बड़ाई
आगे-आगे राम चलते हैं, आगे-आगे राम चलते हैं
पीछे लक्ष्मण भाई
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा, कौशल्या तोहरे अंगनवा मा
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा
जिनका घर हो अयोध्या जैसा, उनकी होत बड़ाई
आगे-आगे राम चलते हैं,  पीछे लक्ष्मण भाई
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा, कौशल्या तोहरे अंगनवा मा
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा
जिनका घर हो अयोध्या जैसा, उनकी होत बड़ाई

जय जय राम सिया राम सिया राम सिया राम
जय जय राम सिया राम सिया राम सिया राम

भरत शत्रुघ्न से हैं देवर हो
भरत शत्रुघ्न से हैं देवर
सीता स्नेह लुटाती जिन पर, गुण-अवगुण ये कुछ ना जाने
माता-पिता को तीर्थ माने
दशरथ जी के चार लाडले, दशरथ जी के चार लाडले
तुलसी की चौपाई
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा, कौशल्या तोहरे अंगनवा मा
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा
जिनका घर हो अयोध्या जैसा, उनकी होत बड़ाई

राम की कोई बहन ना थी, राम की कोई बहन ना थी
उनको शायद यही कमी थी
इस घर में है छोटी बहना
हर भाई का सुख और चैना, इस घर में है छोटी बहना
हर भाई का सुख और चैना
बात-बात में खेल करैं, ननद और भौजाई
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा, कौशल्या तोहरे अंगनवा मा
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा
जिनका घर हो अयोध्या जैसा, उनकी होत बड़ाई

आगे-आगे राम चलते हैं, पीछे लक्ष्मण भाई
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा, कौशल्या तोहरे अंगनवा मा
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा, कौशल्या तोहरे अंगनवा मा

कितना भजन करो, कितना जतन करो
आया समय कभी टलता नहीं
आया समय कभी टलता नहीं
स्वार्थ की धरती पर बोया जो पत्थर
पर पौधा कभी भी फलता नहीं
पर पौधा कभी भी फलता नहीं

रावण सा अभिमानी करता था मनमानी
रावण सा अभिमानी करता था मनमानी
दुनिया से खुद ही जाता रहा
सीता की शक्ति को, लक्ष्मण की भक्ति को
संसार गीतों में गाता रहा
संसार गीतों में गाता रहा

रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन ना जाए
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा, कौशल्या तोहरे अंगनवा मा
कौशल्या तोहरे अंगनवा मा, कौशल्या तोहरे अंगनवा मा