Itna Na Mujhse Tu Pyar Badha
Talat Mahmood
3:56प्यास कुच्छ और भी भड़का दी झलक दिखला के तुझको परदा रुख़ ए रौशन से हटाना होगा इतनी गुस्ताख ना हो इश्क़ की आवारा नज़र हुस्न का पाक निगाहों को सीखना होगा तुझको परदा रुख़ ए रौशन से हटाना होगा हुस्न का पाक निगाहों को सीखना होगा चाँद तारों को मयस्सर है नज़ारा तेरा मेरी बेताब निगाहों से ये परदा क्यूँ है चाँद आईना मेरा तारे मेरा नक़्श ए क़दम गैर को आँख मिलाने की तमन्ना क्यूँ है तुझको परदा रुख़ ए रौशन से हटाना होगा हुस्न का पाक निगाहों को सीखना होगा तुझको देखा तुझे चाहा तुझे पूजा मैं ने बस यही इस के सिवा मेरी ख़ाता क्या होगी मैं ने अच्छा किया घबरा के जो मुँह फेर लिया इस से कम दिल के तड़पने की सज़ा क्या होगी तुझको परदा रुख़ ए रौशन से हटाना होगा हुस्न का पाक निगाहों को सिखाना होगा प्यास कुच्छ और भी भड़का दी झलक दिखला के तुझको परदा रुख़ ए रौशन से हटाना होगा इतनी गुस्ताख ना हो इश्क़ की आवारा नज़र हुस्न का पाक निगाहों को सीखना होगा.