Ishq Bulaava
Vishal & Shekhar
5:04बे सर पैर की बातें कर रहा हूँ घर होकर भी बेघर फिर रहा हूँ बे सर पैर की बातें कर रहा हूँ घर होकर भी बेघर फिर रहा हूँ तारे गिन गिन दिन को रात रात को दिन कर रही हूँ तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा मिलेया जे माहि मेरा मेनू मिलेया शुकर मनावां तकदीरां दा तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा मिलेया जे माहि मेरा मेनू मिलेया शुकर मनावां तकदीरां दा बैठे बैठे मैं ये सोचूं तू संग बैठा हो तो मिल के बातें होंगी दो दो उम्र यूँ ही काटें हम दो सुबह सुबह मैं फिर जागूं पास में सोयी हो तू कानों में गा कर कुछ तो मैं रोज़ जगा दूं तुझको सपने बुन बुन धुन को राग राग को धुन कर रही हूँ तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा मिलेया जे माहि मेरा मेनू मिलेया शुकर मनावां तकदीरां दा तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा मिलेया जे माहि मेरा मेनू मिलेया शुकर मनावां तकदीरां दा तेरी गलियां ऐसे नापूं और पुकारूँ तुझको कहे लोग आवारा मुझको बदनाम हुआ हूँ अब तो तेरे दर पे रोज़ ही आके दूँगी दस्तक सुन तो चाहे ना भी करोगे तुम तो उम्मीद रहेगी मुझको जाने कैसे शेह से मात मात शेह से हो रहा हूँ तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा मिलेया जे माहि मेरा मेनू मिलेया शुकर मनावां तकदीरां दा तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा तू पूछ नहिओ हाल फ़कीरा दा मिलेया जे माहि मेरा मेनू मिलेया शुकर मनावां तकदीरां दा