Aaja Sanam Madhur Chandni Men
Lata Mangeshkar, Manna Dey
4:26शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो तुम सीटी बजाना छोड़ दो घड़ी घड़ी खिड़की में खड़ी तुम तीर चलाना छोड़ दो तुम तीर चलाना छोड़ दो शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो तुम तीर चलाना छोड़ दो रोज़-रोज़ तुम मेरी गली में चक्कर क्यों हो काटते अजी चक्कर क्यों हो काटते सच्ची सच्ची बात कहूँ मैं सच्ची सच्ची बात कहूँ मैं अजी तुम्हारे वास्ते तुम्हारे वास्ते जाओ जाओ होश में आओ यूँ आना जाना छोड़ दो यूँ आना जाना छोड़ दो शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो तुम तीर चलाना छोड़ दो मुझसे तुम्हें क्या मतलब है ये बात ज़रा बतलाओ बात फ़कत इतनी सी है कि तुम मेरी हो जाओ आओ आओ तुम मेरी हो जाओ ऐसी बातें अपने दिल में ऐ साहिब तुम लाना छोड़ दो शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो तुम तीर चलाना छोड़ दो चार महीने मेहनत की है अजी रँग कभी तो लाएगी जाओ जाओ जी यहाँ तुम्हारी दाल कभी गलने न पाएगी हाँजी दाल कभी गलने न पाएगी दिलवालों मतवालों पर तुम तुम रौब जमाना छोड़ दो तुम रौब जमाना छोड़ दो शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो तुम तीर चलाना छोड़ दो