Apna Gham
Jagjit Singh
5:50चाँद से फूल से या मेरी ज़ुबान से सुनिए चाँद से फूल से या मेरी ज़ुबान से सुनिए हर तरफ आप का क़िसा जहाँ से सुनिए चाँद से फूल से या मेरी ज़ुबान से सुनिए सब को आता है दुनिया को सता कर जििना सब को आता है दुनिया को सता कर जििना ज़िंदगीइ क्या मुहब्बत की जुबान से सुनिए हर तरफ आप का क़िसा जहाँ से सुनिए चाँद से फूल से या मेरी ज़ुबान से सुनिए मेरी आवाज़ परदा मेरे चेहरे का मेरी आवाज़ परदा मेरे चेहरे का मैं हुउँ खामोश जहाँ मुझको वहाँ से सुनिए हर तरफ आप का क़िसा जहाँ से सुनिए चाँद से फूल से या मेरी ज़ुबान से सुनिए क्या ज़रुउरीी है की हर परदा उठाया जाए क्या ज़रुउरीी है की हर परदा उठाया जाए मेरे हालात अपने अपने मकान से सुनिए हर तरफ आप का क़िसा जहाँ से सुनिए चाँद से फूल से या मेरी ज़ुबान से सुनिए