Pankh Hote To Ud Aati

Pankh Hote To Ud Aati

Lata Mangeshkar

Альбом: Sehra
Длительность: 4:33
Год: 1963
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Текст песни

आ आ
आ ओ ओ
आ आ
ओ ओ
पंख होते तो उड़ आती रे
रसिया ओ जालिमा
तुझे दिल का दाग दिखलाती रे
ओ ओ पंख होते तो उड़ आती रे
रसिया ओ जालिमा
तुझे दिल का दाग दिखलाती रे
आ आ आ आ ओ
ओ ओ

यादों में खोई पहुची गगन मे
पंछी बन के सच्ची लगन में
हो यादों में खोई पहुची गगन मे
पंछी बन के सच्ची लगन में
दूर से देखा मौसम हसी था
दूर से देखा मौसम हसी था
आनेवाले तू ही नहीं था
रसिया ओ जालिमा
तुझे दिल का दाग दिखलाती रे
ओ ओ पंख होते तो उड़ आती रे
रसिया ओ जालिमा
तुझे दिल का दाग दिखलाती रे
आ आ आ आ

किरने बन के बाहे फैलायी
आस के बादल पे जा के लहरायी
हो किरने बन के बाहे फैलायी
आस के बादल पे जा के लहरायी
झूल चूकी मैं वादे का झूला
झूल चूकी मैं वादे का झूला
तू तो अपना वादा भी भूला
रसिया ओ जालिमा
तुझे दिल का दाग दिखलाती रे
ओ ओ पंख होते तो उड़ आती रे
रसिया ओ जालिमा
तुझे दिल का दाग दिखलाती रे

ओ ओ पंख होते तो उड़ आती रे
रसिया ओ जालिमा
तुझे दिल का दाग दिखलाती रे
ओ ओ पंख होते तो उड़ आती रे